Navigation Menu byLatest Hack

Here is to The Crazy Ones, The Misfits, The Rebels, The Troublemakers.The Round Pegs in the Square Holes.... The Ones Who See Things Differently!

Monday, August 13, 2012

WHAT INDEPENDENCE MEAN TO US .....

"स्वतंत्रता मेरा जन्म-सिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा " , लोकमान्य तिलक जी के ये शब्द 15 अगस्त सन 1947 की मध्यरात्रि को साकार हुए और उस दिन हमने सैकड़ों  सालों से  परतंत्र अपने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराया और स्वतंत्र भारत में तिरंगा फहराया । ये आजादी हम लोगों ने इतनी आसानी से नहीं पायी, इसके लिए करोड़ों लोगों ने संघर्ष किया और अपनी सहादत दी । महात्मा गाँधी , भगत सिंह, लोकमान्य तिलक , सुभाष चन्द्र बोष, वल्लभ भाई पटेल, चद्र शेखर आजाद, ऐसे करोड़ों लोगों ने अपनी जान की आहुति दी , तब जाकर आज हम खुली हवा में साँस ले पा...

Saturday, August 11, 2012

The Dual Thinking Of Selfish Society

हमारा समाज विभिन्न जातियों -धर्म -सम्प्रदायों से मिलकर बना है । भांति भांति के लोग और हर किसी के अलग विचार । समाज के  विचारों पर , सोच पर कभी गौर किया जाये तो आपको बहुतायत में दोहरी विचारधारा वाले लोग मिलेंगे । हर कोई गलत काम नहीं करने के लिए कहेगा लेकिन वही करेगा , महिलाओं के  प्रति दोहरी विचारधारा , भ्रस्टाचार लोग न करने के लिए बोलेंगे लेकिन अधिकतर लोग इससे अपने आप को अछूता नहीं रख पाते हैं। यहाँ पर मैं सिर्फ कुछ खास मुदों को ही उठाऊँगा जिसमें सबसे पहले महिलाओं की स्थिति है। हमारा देश अतीत से ही धर्म और आस्था के लिए जाना...

Sunday, August 5, 2012

MARRIAGES

शादियाँ , दो लोगों और दो परिवारों को जोड़ने का तरीका जो सदियों से चलता आ रहा है और हमेशा चलता रहेगा । शादी  एक  पावन रिश्ता है जिसमे एक लड़का और लड़की एक साथ रहने और एक दुसरे का सुख दुःख में हमेशा साथ देने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं । प्राचीन काल से लेकर आज तक हर धर्म में भिन्न-भिन्न तरीके से शादियाँ  होती हैं लेकिन मूल भावना  एक ही होती है । वैसे तो तरह तरह से शादियाँ होती हैं लेकिन वास्तविक रूप में सिर्फ दो प्रकार से शादियाँ होती हैं  पहला Arrange Marriage जो सदियों...

Wednesday, June 6, 2012

CORRUPTION-A THOUGHT

आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लहर दौड़ रही है। तमाम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं । भ्रष्टाचार दिन-प्रतिदिन हमारे समाज में विष की तरह फैलता जा रहा है और हमारे समाज को खोखला कर रहा है। तरह तरह के सुझाव भी दिए जा रहे हैं भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए लेकिन क्या इनसे पूरी तरह भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा ये एक बहुत बड़ा  सवाल है। भ्रष्टाचार(भ्रष्ट+आचार) यानि आचरण मैं असुधता अर्थात गलत ढंग से किये गये क्रिया-कलाप। अब गौर करने वाली बात लोग भ्रष्टाचार करते क्यों  है  क्योकि  इसी सवाल में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने...

Friday, May 11, 2012

22/28 रूपए जीने के लिए -हास या परिहास ..!!

भारत सरकार की नयी गरीबी रेखा जिसके तहत  गावों में रहने वाले 22 रूपए और शहरों  में  रहने वाले 28 रूपए  से अधिक पाते हैं तो वो गरीब नहीं हैं। इन नए आंकड़ों का हर किसी ने विरोध किया , अधिकतर लोग ये कह  रहे  हैं  कि  सरकार  ने  ऐसा  करके लाखों  लोगों  का  तबका  गरीबी  से  बाहर कर  दिया  जिससे  इनकी  साख  बच  गयी । ये तो...

Monday, April 2, 2012

चार लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे ....????

जीवन मे हम लोगों ने इस वाक्य को कभी न कभी सुना जरुर होगा, और सुना ही नहीं होगा अपने ऊपर अपने सुभ्चिन्तकों द्वारा बोलते हुए भी पाया होगा ' चार लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे '। जब भी उन पलों को याद किया जाता है थोड़ी हंसी आती है लेकिन वो बड़ी ही विकट स्थिति होती थी जब आप पर आपके प्रियजनों (अधिकंशाथ आपके माता-पिता ) द्वारा बोला जाता था । मन ही मन बड़ा गुस्सा भी आता होगा की आखिर ये 'चार लोग हैं कौन?' जो हर बात मैं अड़ जाते हैं और जिनका डर बहुत ज्यादा व्याप्त है । अपनी मर्जी से कोई काम ही नहीं कर सकते । बचपन से लेकर आखिरी सांस तक इन चार लोगों का डर बहुत...

Friday, March 23, 2012

Is the Universe Spinning? New Research Says "Yes"

Physicists and astronomers have long believed that the universe has mirror symmetry, like a basketball. But recent findings from the University of Michigan suggest that the shape of the Big Bang might be more complicated than previously thought, and that the early universe spun on an axis.Read m...

Thursday, March 1, 2012

What Is RELIGION....??

धर्मं एक चिर-परिचित शब्द , जिसे हम अपनी बाल्यावस्था से ही अपने मन मष्तिस्क मे कंठस्त कर लेते है। हम कुछ और जान  पाए या नहीं, कुछ सोच सके या नहीं ..हम इस बात से जरुर अवगत हो जाते हैं की हमारा धर्मं क्या है।हमारा धर्मं क्या है ..ये बात मुझे बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है और सबसे बड़े सवाल मे उभर कर आती है की आखिर " धर्मं क्या है?" ..क्योँ हम लोग जिन्दगी भर बिना सोचे समझे इस धर्मं का अनुसरण करते रहते हैं। अब अगर मैं ये कहूं की क्योँ न अनुसरण करें ..हमारे माता-पिता , हमारे पुर्वज इन वास्तविक और काल्पनिक मान्यताओं, नियम-कायदों का पालन करते आ रहे...