जीवन मे हम लोगों ने इस वाक्य को कभी न कभी सुना जरुर होगा, और सुना ही नहीं होगा अपने ऊपर अपने सुभ्चिन्तकों द्वारा बोलते हुए भी पाया होगा ' चार लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे '।
जब भी उन पलों को याद किया जाता है थोड़ी हंसी आती है लेकिन वो बड़ी ही विकट स्थिति होती थी जब आप पर आपके प्रियजनों (अधिकंशाथ आपके माता-पिता ) द्वारा बोला जाता था । मन ही मन बड़ा गुस्सा भी आता होगा की आखिर ये 'चार लोग हैं कौन?' जो हर बात मैं अड़ जाते हैं और जिनका डर बहुत ज्यादा व्याप्त है । अपनी मर्जी से कोई काम ही नहीं कर सकते । बचपन से लेकर आखिरी सांस तक इन चार लोगों का डर बहुत सताता है । यहाँ मत जाओ , ये काम मत करो, ऐसे मत बोलो ऐसी तमाम चीजों के आगे ये वाक्य जरुर आ जाता था की चार लोग देखेंगे या सुनेंगे तो क्या कहेंगे ।
अब दिमाग मे यही आता है की ये चार लोग है कौन , इनके पास अपना कोई काम-धंधा नहीं है जो हमे ही देखते रहते है । इनके पास कितना खाली वक़्त है, जो सिर्फ हमे सुनने और देखने में ही लगा देते हैं और उसके बाद निष्कर्ष भी निकाल कर सब जगह बताने का भी समय निकाल आता है।
जिनके पास खुद कोई काम नहीं सिवाय दूसरों को सुनने और देखने और उसके बाद उसका निष्कर्ष भी निकलने निकलने का , उनका भय हमे क्युओं सताता है?
इन चार लोगों क प्रभाव से हम अपने आप को बचा नहीं पाते हैं । इनके कारण इन्सान को बहुत बंदिशों मे जीना पड़ता है । महिलाओं पर तो इनका और भी प्रभाव है । उनके हर क्रियाकलाप जैसे उठाना, बैठना, चलना, कपडे आदि सभी में इनका प्रभाव है ।
क्या हमें इन्सके प्रभाव में आना चाहिए ? क्या हमे इनसे डर कर काम करना चाहिए ? आखिर ये हैं कौन?
दरसल ये चार लोग हमारे आस पास रहने वाले समाज के लोग हैं । बहुत से मामलो में इनका प्रभाव सही होता है । बहुत से गलत काम लोग सिर्फ इसी वजह से नहीं किये जाते कि समाज में लोग क्या कहेंगे , उनकी इज्जत खराब हो जाएगी । तो इस तरह देखें तो ये बहुत ही उपयोगी लोग हैं ।
लेकी ये हर चीज़ में राय देंगे और लोग इनकी वजह से कुछ करेंगे ही नहीं तो ये गलत बात है ।
दरअसल हर इन्सान को पता होता है की क्या सही है क्या गलत । इन्सान को गलत काम कभी नहीं करना चाहिए और अगर वो सही है तो इन चार लोगों से नहीं डरना चाहिए ।
खेर अब आप लोग दूंढ़इए और समझिये की ये चार लोग हैं कौन जिन्होंने आपकी जिन्दगी में बड़ी उथल- पुथल मचा राखी है और जब आपको पता चल जाये तो तो आप भी उनके लिए उन चार लोगों में यथावत शामिल हो जाएँ और उनकी जिन्दगी भी चार लोगों के देखने और सुनने पर निर्भर कर दे । अब में भी यहीं समाप्त करता हूँ नहीं तो मुझे भी ...'चार लोग देखेंगे तो बहुत कुछ कहेंगे ...!!!'
जब भी उन पलों को याद किया जाता है थोड़ी हंसी आती है लेकिन वो बड़ी ही विकट स्थिति होती थी जब आप पर आपके प्रियजनों (अधिकंशाथ आपके माता-पिता ) द्वारा बोला जाता था । मन ही मन बड़ा गुस्सा भी आता होगा की आखिर ये 'चार लोग हैं कौन?' जो हर बात मैं अड़ जाते हैं और जिनका डर बहुत ज्यादा व्याप्त है । अपनी मर्जी से कोई काम ही नहीं कर सकते । बचपन से लेकर आखिरी सांस तक इन चार लोगों का डर बहुत सताता है । यहाँ मत जाओ , ये काम मत करो, ऐसे मत बोलो ऐसी तमाम चीजों के आगे ये वाक्य जरुर आ जाता था की चार लोग देखेंगे या सुनेंगे तो क्या कहेंगे ।
अब दिमाग मे यही आता है की ये चार लोग है कौन , इनके पास अपना कोई काम-धंधा नहीं है जो हमे ही देखते रहते है । इनके पास कितना खाली वक़्त है, जो सिर्फ हमे सुनने और देखने में ही लगा देते हैं और उसके बाद निष्कर्ष भी निकाल कर सब जगह बताने का भी समय निकाल आता है।
जिनके पास खुद कोई काम नहीं सिवाय दूसरों को सुनने और देखने और उसके बाद उसका निष्कर्ष भी निकलने निकलने का , उनका भय हमे क्युओं सताता है?
इन चार लोगों क प्रभाव से हम अपने आप को बचा नहीं पाते हैं । इनके कारण इन्सान को बहुत बंदिशों मे जीना पड़ता है । महिलाओं पर तो इनका और भी प्रभाव है । उनके हर क्रियाकलाप जैसे उठाना, बैठना, चलना, कपडे आदि सभी में इनका प्रभाव है ।
क्या हमें इन्सके प्रभाव में आना चाहिए ? क्या हमे इनसे डर कर काम करना चाहिए ? आखिर ये हैं कौन?
दरसल ये चार लोग हमारे आस पास रहने वाले समाज के लोग हैं । बहुत से मामलो में इनका प्रभाव सही होता है । बहुत से गलत काम लोग सिर्फ इसी वजह से नहीं किये जाते कि समाज में लोग क्या कहेंगे , उनकी इज्जत खराब हो जाएगी । तो इस तरह देखें तो ये बहुत ही उपयोगी लोग हैं ।
लेकी ये हर चीज़ में राय देंगे और लोग इनकी वजह से कुछ करेंगे ही नहीं तो ये गलत बात है ।
दरअसल हर इन्सान को पता होता है की क्या सही है क्या गलत । इन्सान को गलत काम कभी नहीं करना चाहिए और अगर वो सही है तो इन चार लोगों से नहीं डरना चाहिए ।
खेर अब आप लोग दूंढ़इए और समझिये की ये चार लोग हैं कौन जिन्होंने आपकी जिन्दगी में बड़ी उथल- पुथल मचा राखी है और जब आपको पता चल जाये तो तो आप भी उनके लिए उन चार लोगों में यथावत शामिल हो जाएँ और उनकी जिन्दगी भी चार लोगों के देखने और सुनने पर निर्भर कर दे । अब में भी यहीं समाप्त करता हूँ नहीं तो मुझे भी ...'चार लोग देखेंगे तो बहुत कुछ कहेंगे ...!!!'