भारत सरकार की नयी गरीबी रेखा जिसके तहत गावों में रहने वाले 22 रूपए और शहरों में रहने वाले 28 रूपए से अधिक पाते हैं तो वो गरीब नहीं हैं। इन नए आंकड़ों का हर किसी ने विरोध किया , अधिकतर लोग ये कह रहे हैं कि सरकार ने ऐसा करके लाखों लोगों का तबका गरीबी से बाहर कर दिया जिससे इनकी साख बच गयी ।
ये तो...