"स्वतंत्रता
मेरा जन्म-सिद्ध
अधिकार है और
मै इसे लेकर
रहूँगा " , लोकमान्य तिलक जी
के ये शब्द
15 अगस्त सन 1947 की मध्यरात्रि
को साकार हुए
और उस दिन
हमने सैकड़ों सालों से परतंत्र अपने देश
को अंग्रेजों की
गुलामी से आजाद
कराया और स्वतंत्र
भारत में तिरंगा
फहराया ।
ये आजादी हम लोगों
ने इतनी आसानी
से नहीं पायी,
इसके लिए करोड़ों
लोगों ने संघर्ष
किया और अपनी
सहादत दी ।
महात्मा गाँधी , भगत सिंह,
लोकमान्य तिलक , सुभाष चन्द्र
बोष, वल्लभ भाई
पटेल, चद्र शेखर
आजाद, ऐसे करोड़ों
लोगों ने अपनी
जान की आहुति
दी , तब जाकर
आज हम खुली
हवा में साँस
ले पा...